बांदा : यूपी और एमपी के बीच हुए समझौते के तहत अब बुंदेलखंड का सूखा मिटेगा
(मयंक शुक्ला की रिपोर्ट )...….....
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रबी फसलों के लिए 50 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) अतिरिक्त पानी देने को मंजूरी दे दी है। यह पानी केन नदी की नहरों के जरिए खेतों तक पहुंचेगा। वहीं जिन क्षेत्रों में नदी से पेयजल आपूर्ति होती है उन्हें प्रचंड गर्मी के दिनों में पानी संकट से नहीं जूझना पड़ेगा।
बुंदेलखंड के विभिन्न क्षेत्रों को सिचाई व पेयजल का पानी मध्यप्रदेश से ही मिलता है। वहां से होकर निकली नदियों से जुड़ी नहरों के जरिए यह पानी लोगों के घरों व खेतों तक पहुंचता है। चित्रकूटधाम मंडल मुख्यालय बांदा की बात करें तो यहां खेती का अधिकांशत: रकबा केन नदी के पानी से ही सिचित है। जिले में 1193 किमी. लंबाई में नहरों का जाल फैला हुआ है। इनमें 211 टेल बने हैं। इन्हीं नहरों से खेत सिचित होते हैं। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में स्थित गंगऊ बांध व बरियारपुर बियर में केन का पानी संरक्षित रहता है। यहां से मुख्य नहर होते हुए हजारों हेक्टेअर कृषि क्षेत्रफल की सिचाई की जाती है। हाल ही में मध्यप्रदेश के सीएम ने यूपी और एमपी के बीच समझौते के तहत 50 एमसीएम अतिरिक्त पानी रबी फसलों के लिए आपूर्ति किए जाने की मंजूरी दे
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